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मैं भी 5 मिनट के अंदर मर जाऊंगा

मैं भी 5 मिनट के अंदर मर जाऊंगा
पुलिस एवं अधिकारी मामले की जांच करते हुए

 

मैं भी 5 मिनट के अंदर मर जाऊंगा

एक परिवार के साथ दर्दनाक घटना

सोचो, अगर किसी के ऊपर बहुत सारा कर्ज हो जाए, इतना कि वह खुद को बहुत अकेला और परेशान महसूस करने लगे, तो क्या होगा? कुछ ऐसा ही हुआ हरियाणा के पंचकूला में, जहाँ एक ही परिवार के सात लोगों ने अपनी जान दे दी। यह कहानी है एक आम परिवार की, जो सपनों के साथ जी रहा था, लेकिन कर्ज के बोझ ने उनकी सारी खुशियाँ छीन लीं।

यह परिवार पहले बहुत अच्छा कारोबार करता था। सब ठीक चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे बिज़नेस में नुकसान होने लगा। परिवार के पास जो भी था, वो सब बैंक ने ले लिया। अब उनके पास कमाने के लिए सिर्फ टैक्सी चलाने का काम बचा था। लेकिन इससे घर का खर्चा भी मुश्किल से चलता था।

परिवार पर करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया था। सोचो, कितना बड़ा कर्ज! उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन कर्ज चुकता नहीं हो पाया। रिश्तेदारों से मदद मांगी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। ऊपर से कर्ज देने वाले लोग बार-बार धमकी दे रहे थे।

आखिरी दिन

सोमवार को परिवार पंचकूला में बागेश्वर धाम के बाद धीरेंद्र शास्त्री के आध्यात्मिक कार्यक्रम में गया था घर लौटने के बजाय उन्होंने अपनी कार सेक्टर 27 में खड़ी कर दी और जहर खा लिया। जब आस-पास के लोगों ने देखा, तो कार के अंदर सभी बेहोश पड़े थे और स्थानीय लोग एक व्यक्ति को बाहर निकलने में कामयाब रहे जिसकी सांसे अभी भी चल रही थी। वह परिवार का मुखिया था। तब उन्होंने लोगों को बताया कि वह भी 5 मिनट में मर जाएगा।

कार से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें लिखा था कि परिवार पर बहुत कर्ज है, अब जीना मुश्किल हो गया है। परिवार के मुखिया ने लिखा कि सारी गलती मेरी है, मेरे ससुर को परेशान मत करना। उन्होंने अपने भाई से अंतिम संस्कार करने के लिए भी कहा।

पुलिस द्वारा सभी को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन छह लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। जो बचा था, वह भी अस्पताल में नहीं बच सका। पड़ोसी और रिश्तेदार सब हैरान थे, किसी को यकीन नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है। सबका कहना था कि परिवार बहुत परेशान था, लेकिन इतना बड़ा कदम उठा लेगा, किसी ने नहीं सोचा था।

क्या सिखाता है यह हादसा?

यह घटना बताती है कि कर्ज का बोझ कितना भारी हो सकता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आर्थिक समस्याएँ और मानसिक तनाव कितना बड़ा असर डाल सकते हैं। हमें अपने आस-पास के लोगों की मदद करनी चाहिए और समय पर सहायता प्रदान करनी चाहिए। इसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ज़िंदगी में पैसा जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है हिम्मत और उम्मीद। कभी भी हार मत मानो, क्योंकि हर समस्या का हल होता है।

यदि आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो कृपया मदद लें। आप अकेले नहीं हैं।अगर आप भी कभी परेशान हों, तो किसी से बात जरूर करें।

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