
यूपी के मेरठ जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया। मेरठ के समौली गांव में रहने वाले एक किसान के आंगन से अचानक एक के बाद एक 50 से ज्यादा सांप निकल आए। सांप भी कोई एक-दो नहीं, बल्कि पूरे झुंड में! ये नजारा देख गांव वालों की हालत खराब हो गई। यह घटना रविवार की रात की है, जब गांव का एक आम दिन अचानक डरावनी फिल्म जैसी सच्चाई में बदल गया।
क्या हुआ उस रात?
समौली गांव के किसान महफूज सैफी अपने आंगन में सोने की तैयारी कर रहे थे। रात का वक्त था, मौसम भी कुछ ठंडा था और सब कुछ शांत लग रहा था। तभी अचानक उन्होंने देखा कि उनके आंगन में एक सांप रेंगता हुआ नजर आया। पहले तो उन्होंने इसे आम बात समझा और डंडा उठाकर उसे मार दिया। लेकिन जैसे ही पहला सांप मरा, मानो जमीन के नीचे छुपे उसके सारे रिश्तेदार बदला लेने आ गए हों।
एक-एक कर सांप निकलने लगे। किसान महफूज और उनके परिवार की तो जैसे सांसें ही अटक गईं। उन्होंने तुरंत शोर मचाया और पड़ोसियों को बुलाया। देखते ही देखते पूरा गांव उनके घर के बाहर जमा हो गया।
रैम्प के नीचे से निकल रहे थे सांप
जब लोगों ने ध्यान से देखा, तो पता चला कि सांप घर के दरवाजे के पास बने एक रैम्प के नीचे से निकल रहे थे। ग्रामीणों ने खुद ही हिम्मत जुटाई और डंडों, लाठियों से इन सांपों को मारना शुरू किया। करीब रात 9 बजे तक 52 सांप मारे जा चुके थे और सबको एक गड्ढा खोदकर दफना दिया गया।
इस पूरी घटना का वीडियो भी किसी ने बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद मामला चर्चा का विषय बन गया और कई लोगों ने इसे देख कर अपनी राय भी दी।
क्यों नहीं दी गई वन विभाग को सूचना?
चौंकाने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी किसी ने वन विभाग को सूचना नहीं दी। परिवार और गांव वालों ने बिना सोचे समझे सारे सांप मार डाले और उन्हें जमीन में दबा दिया।
लेकिन जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ, तब जाकर वन विभाग की नींद खुली।
वन विभाग की कार्रवाई शुरू
सोमवार को मेरठ के DFO (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) ने जानकारी दी कि यह घटना उनके संज्ञान में आई है। उन्होंने बताया कि सांपों को मारना कानूनन जुर्म है, क्योंकि सांप संरक्षित जीव हैं। जो भी व्यक्ति इन्हें मारता है, वह वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन करता है।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि ज्यादातर सांप जलसांप थे। ये विषहीन होते हैं और नमी वाली जगहों या पानी के आसपास रहते हैं। यानि कि ये इंसानों के लिए सीधा खतरा नहीं थे।
DFO ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि आगे से अगर ऐसा कोई मामला हो, तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें और खुद से कोई कार्रवाई न करें।
वन विभाग के अनुसार, जब एक जगह इतने सारे सांप निकलते हैं, तो आमतौर पर इसका कारण वह जगह नमी से भरी होती है या फिर कोई पुराना बिल हो सकता है। हो सकता है कि रैम्प के नीचे सांपों ने अपना ठिकाना बना रखा हो और गर्मी बढ़ने के कारण वे बाहर निकल आए हों।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जलसांप इंसानों से दूरी बनाए रखते हैं और बिना छेड़छाड़ के कभी हमला नहीं करते।
गांव वालों में डर, लेकिन अब जागरूकता की ज़रूरत
घटना के बाद गांव वालों में काफी डर फैल गया है। लोग अपने-अपने घरों की जमीन को खुदाई कर जांचने लगे हैं कि कहीं उनके घरों में भी ऐसा कुछ न हो। लेकिन साथ ही यह मामला लोगों को एक सबक भी दे गया है कि सांपों से डरना ठीक है, लेकिन जानकारी के बिना उन्हें मारना गलत है।
वन विभाग भी अब गांव में जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मेरठ के समौली गांव की यह घटना भले ही किसी हॉरर मूवी जैसी लगे, लेकिन यह हमें ये सिखाती है कि हमें प्रकृति के जीवों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। अगर समय रहते वन विभाग को सूचना दे दी जाती, तो शायद इन सांपों को बचाया जा सकता था।
सांप भी इस धरती का हिस्सा हैं और उनका भी एक महत्व है। हर सांप जहरीला नहीं होता और हर सांप खतरनाक नहीं होता। जरूरी है कि हम जानकारी रखें, सतर्क रहें और कानून का पालन करें।
अगर आप उत्तर प्रदेश या अन्य ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और आपके घर के आसपास इस तरह की घटना होती है, तो कृपया बिना देर किए नजदीकी वन विभाग कार्यालय को सूचित करें। आपकी एक जिम्मेदारी, एक जीव की जान बचा सकती है।