
डेयरी किसान और उनकी गायें स्वस्थ और पौष्टिक दूध का उत्पादन करते हैं, जो हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

‘विश्व दुग्ध दिवस’ क्यों मनाते हैं? जानिए ‘विश्व दुग्ध दिवस’ की खास वजह!”
हर दिन किसी न किसी चीज़ को समर्पित होता है—कभी पानी के लिए, कभी पर्यावरण के लिए, तो कभी महिलाओं या बच्चों के लिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दूध के लिए भी एक खास दिन होता है? जी हां, हर साल 1 जून को मनाया जाता है विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day)।
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा—दूध का भी कोई दिन होता है? और क्यों मनाते हैं इसे?
चलिए, आपको बताते हैं कि इस दिन का क्या मतलब है, क्यों इसे मनाया जाता है और हमारे जीवन में दूध का क्या महत्व है।
🌍 विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र की संस्था FAO (Food and Agriculture Organization) ने पहली बार ‘विश्व दुग्ध दिवस’ मनाने की पहल की थी। मकसद था दुनियाभर में दूध और डेयरी उत्पादों के महत्व को समझाना और लोगों को बताना कि दूध सिर्फ एक पेय पदार्थ नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है।
1 जून की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि इसी समय दुनिया के कई देशों में दूध से जुड़े प्रचार-प्रसार अभियान चलते हैं। FAO चाहती थी कि एक दिन ऐसा हो जब लोग एक साथ दूध की अहमियत को समझें और डेयरी सेक्टर को भी सम्मान मिले।
🥛 दूध क्यों है इतना जरूरी?
दूध को हम ‘संपूर्ण आहार’ कहते हैं। इसमें वो सभी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी हैं:
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कैल्शियम – हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी
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प्रोटीन – मांसपेशियों और शरीर के विकास में सहायक
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विटामिन D, B12 – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
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पोटैशियम और मैग्नीशियम – दिल और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, दूध हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी होता है। इसलिए ही तो माँ बचपन में ज़बरदस्ती दूध पिलाती थी!
👩🌾 किसानों और डेयरी उद्योग के लिए भी है ये दिन खास
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। यहां लाखों किसान दूध उत्पादन से अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं। गाय, भैंस, बकरी जैसे पालतू जानवरों से दूध निकाला जाता है और उसे प्रोसेस करके बाजार में बेचा जाता है।
विश्व दुग्ध दिवस इन किसानों, डेयरी कर्मचारियों और दूध से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद देने का भी दिन है। ये दिन दिखाता है कि दूध केवल पीने की चीज़ नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी का सहारा भी है।
🎉 दुनिया भर में कैसे मनाया जाता है ये दिन?
विश्व दुग्ध दिवस पर कई देशों में रैलियां, सेमिनार, पोस्टर प्रतियोगिताएं, मुफ्त दूध वितरण, और सोशल मीडिया कैंपेन आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में बच्चों को दूध के फायदे बताए जाते हैं और उन्हें हेल्दी डाइट अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
भारत में भी इस दिन पर कई दूध कंपनियां और डेयरी बोर्ड खास कार्यक्रम करते हैं। सोशल मीडिया पर #WorldMilkDay ट्रेंड करता है, लोग दूध पीते हुए फोटो शेयर करते हैं और इससे जुड़े रोचक तथ्य साझा करते हैं।
👪 बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए दूध क्यों खास?
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बच्चों को दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं और वो तेजी से बढ़ते हैं।
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महिलाओं को कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है, खासकर गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (menopause) के समय।
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बुजुर्गों के लिए दूध ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाता है।
अगर आपको दूध पचाने में दिक्कत होती है, तो बाज़ार में कई तरह के विकल्प भी मौजूद हैं, जैसे लैक्टोज-फ्री दूध, सोया मिल्क, बादाम दूध आदि।
🚫 दूध से जुड़े कुछ भ्रम
कुछ लोग मानते हैं कि दूध मोटा कर देता है या इससे सर्दी-जुकाम हो जाता है। लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है। संतुलित मात्रा में दूध पीने से कोई नुकसान नहीं होता। बल्कि शरीर में ऊर्जा आती है और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
✅ क्या करें इस दिन? विश्व दुग्ध दिवस 2025
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एक ग्लास दूध जरूर पिएं और दूसरों को भी इसके फायदे बताएं।
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सोशल मीडिया पर #WorldMilkDay से जुड़ें।
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बच्चों को दूध के फायदे आसान भाषा में समझाएं।
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दूध से बनी हेल्दी चीज़ें जैसे छाछ, दही, पनीर आदि को अपने खानपान में शामिल करें।
🧠 निष्कर्ष:
विश्व दुग्ध दिवस सिर्फ दूध पीने का दिन नहीं, बल्कि उस पूरी चेन को सम्मान देने का मौका है जो हमें स्वस्थ रखने में मदद करती है। गाय-भैंस पालने वाले किसान से लेकर दूध पहुंचाने वाले डिलीवरी बॉय तक – सबका योगदान अनमोल है।
तो अगली बार जब आप दूध का गिलास हाथ में लें, तो याद रखिए कि इसमें सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि मेहनत, पोषण और सेहत भी घुली हुई है।
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