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“सिर्फ 1 प्रोटीन को बंद करने से बूढ़ा दिमाग फिर से जवान: चौंकाने वाली स्टडी”-FTL1

दिमाग की उम्र बढ़ना और FTL1 प्रोटीन का असर"
दिमाग की उम्र बढ़ना और FTL1 प्रोटीन का असर”

क्या कभी आपने सोचा है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारी याददाश्त क्यों कमजोर हो जाती है? क्यों बुजुर्ग अक्सर कहते हैं – “याद नहीं रहता” या “पहले जैसी बात नहीं रही”? इसका सीधा जवाब हाल ही में हुई एक बड़ी रिसर्च में सामने आया है। अमेरिका के UC San Francisco (UCSF) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन की खोज की है, जो दिमाग की उम्र बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इस प्रोटीन का नाम है FTL1।

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस प्रोटीन को रोका जाए, तो बुजुर्गों का दिमाग भी फिर से जवान हो सकता है। सुनने में यह किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है, लेकिन स्टडी के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं।

दिमाग की उम्र बढ़ना क्यों बड़ी समस्या है?

हम सब जानते हैं कि उम्र बढ़ने पर शरीर की ताकत धीरे-धीरे कम होती जाती है। लेकिन सबसे ज्यादा असर पड़ता है दिमाग पर।

इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) नाम के हिस्से पर, जो हमारी याद्दाश्त और सीखने के लिए जिम्मेदार है।

FTL1: एक प्रोटीन जो बदल सकता है दिमाग की कहानी

इस रिसर्च में पाया गया कि उम्रदराज चूहों (old mice) के दिमाग में FTL1 प्रोटीन की मात्रा ज्यादा थी। वहीं, जवान चूहों में यह बहुत कम पाया गया।

मतलब साफ है – FTL1 को कंट्रोल करके दिमाग की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया रोकी जा सकती है।

UCSF Research on Aging

क्या इंसानों पर भी असर होगा?

अभी यह स्टडी चूहों पर हुई है। लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि इंसानों में भी यही प्रक्रिया काम कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में –

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वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

इस रिसर्च के लीड साइंटिस्ट डॉ. सॉल विलेडा (Saul Villeda) कहते हैं –

“यह सिर्फ बीमारी को रोकना नहीं है, बल्कि दिमाग की क्षमताओं को वापस लाना है। यह वास्तव में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने जैसा है।”

उन्होंने यह भी बताया कि FTL1 दिमाग के सेल्स की मेटाबॉलिज्म (ऊर्जा बनाने की क्षमता) को भी धीमा कर देता है। लेकिन जब इसका लेवल कम किया गया, तो दिमाग की ऊर्जा और कनेक्शन दोनों वापस आने लगे।

भविष्य में इसका क्या मतलब है?

अगर आने वाले समय में यह रिसर्च इंसानों पर सफल हुई तो –

यह खबर न सिर्फ बुजुर्गों के लिए बल्कि उन सबके लिए उम्मीद लेकर आई है, जिनके परिवार में अल्ज़ाइमर जैसी बीमारी का डर है।

निष्कर्ष

दिमाग की उम्र बढ़ना अब तक प्राकृतिक माना जाता था। लेकिन इस रिसर्च ने पहली बार उम्मीद जगाई है कि सिर्फ एक प्रोटीन (FTL1) को रोककर हम दिमाग को फिर से जवान बना सकते हैं।

भविष्य में शायद यह इलाज इंसानों के लिए भी हकीकत बने। अगर ऐसा हुआ तो बुढ़ापे में भूलने की आदत, याददाश्त की कमजोरी और दिमागी बीमारियां इतिहास बन सकती हैं।

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